केसर वन में लकड़बग्घे का एक परिवार रहता था, जो खानदानी चोर था.यानि रोजीरोटी जुटाने का कार्य चोरी से किया जाता. यह उनका पुश्तैनी धंधा था.इसे अपनाना परिवार के सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य था.इस लकड़बग्घे परिवार का एक नियम यह भी थाकि परिवार का कोई भी सदस्य कथा और संत्संग नहीं सुनेगा. लेकिन, जब चोरी करने में सफल हो जायेगा तो वन के बाहर काली के मंदिर में जश्न मनाने अवश्य जायेगा.इस परिवार में भोलू नाम का सबसे छोट़ा लकड़बग्घा था.बड़े होने पर बंश परम्परा के अनुसार वह भी परिवार के साथ चोरी करने लगा.