मैं यानि पवन पेसे से एक अकाउंटेंट, ऑफिस से निकल कर मैं पास के ही बस स्टॉप पे बस का इंतजार कर रहा था। ये वो दौर था जब देश अभी उतना डिजिटल नहीं हुआ था, और भगवन की कृपा से अभी फ़ोन नहीं लोग स्मार्ट हुआ करते थे। कुछ ही लोगो के पास कलर फ़ोन थे। आज महीने की पहली तारीख थी और पहली तारीख यानि तनख्वा का दिन। कॉलेज ख़त्म करके अभी मुझे कुछ ही महीने हुए थे नौकरी करते हुए, तो इस दिन का मुझे बेसब्री से इंतजार रहता था। तभी जोरो की बारिश शुरू हो गई , और बस को आने