(उपन्यास)त्रीलोक - एक अद्धभुत गाथा 6नंदनी के याद करनेके बाद बड़बोला खुद प्रकट होता है। वो हवा मे तैरते हुए आता है। और कहता है - "लगता है तुम्हे मेरा याद बहत सताता है। तुमने मुझे याद किया और लो मे हाजिर।"बड़बोला नंदनी के चहरे पर झलकरहि भावनाओ और बातोंको देखते हुवे कहता है - "तुम्हारी चहरे देखकर ही पता चलता है की आज क्या हुवा? तुम्हारे मनमे उसके लिए चिंता हैना? बताओ बताओ?"बड़बोला बड़ी कौतुहल से पूछता है। नंदनी अपनी आंखे झुकाकर कहती है - "हा पर इतना चिंता तो जायज है। इतना चिंता तो किसी भी दोस्त का होसकता है।