आवारा अदाकार विक्रम सिंह (4) ’’जी’’ ’’कितना दे रहे हैं?’’ ’’जी बस चार हजार।’’ ’’आप को कितना मिलता है?’ ’हमको पन्द्रह हजार। टैक्नीकल काम का पैसा ज्यादा मिलता हैं। बैठ कर ट्रीप तो कोई भी लिख लेगा।’’ गुरूवंश को उसकी बात पते की लगी। अगले दिन वह एक बियर की बोतल लेकर उसके पास गया और कहा,’’यार! यह बुलडोजर चलाना मुझे भी सीखा दो।’’ उसने कहा,’’यार पढ़े लिखे हो। यह सब सीख कर क्या करोगे?’’ ’’पढ़े लिखे हैें। साथ में यह भी जान जायेगे तो अच्छा है।’’इतना कह कर बियर की बोतल उसके हाथ में पकड़ा दी। ………… कहते हैं उस दिन