30 शेड्स ऑफ बेला - 23

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30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode-23 by Amrendra Yadav अमरेंद्र यादव जब मिलीं दो नदियां बेला ने देखा। वो परिचित कदम इंद्रपाल यादव के थे। वो बनारस के उस क़ैदखाने में बिताए दिनों में इन क़दमों के आहट की अभ्यस्त हो गई थी। अपने कमरे में चुपचाप पड़ी रहती। इन कदमों की आहट होते ही समझ जाती कि उसे अगवा करनेवाला आ गया है। इंद्रपाल काफ़ी ग़ुस्से में लग रहा था। ‘कैसा बदला? वो भी अपनी बहन से।’ बेला कुछ सोच पाती, या इसके पहले कि वो बेला तक पहुंचता समीर तेज़ी से उसकी