बात बस इतनी सी थी 18. मंजरी को गये हुए जब लगभग आठ महीने बीत चुके थे, एक दिन मेरे मोबाइल पर मंजरी के मौसेरे भाई अंकुर की कॉल आई । मुझे लगा, शायद मंजरी का भाई होने के नाते उसने मंजरी के बारे में बात करने के लिए कॉल की है । लेकिन मैं गलत सोच रहा था । दरअसल अंकुर ने मुझे अपने बेटे के जन्मदिन की पार्टी में डिनर पर आमंत्रित करने के लिए कॉल किया था । अंकुर के निमंत्रण को मैंने मंजरी से मेरी मुलाकात होने के एक अच्छे अवसर के रूप में देखा ।