जिंदगी के कुछ अनुभव भाग - 1दोस्तों हम सब के पास एक जिंदगी होती है। सबका अपना अपना अबस्था और परिस्थिति अनुसार जिंदगी को लम्बा या छोटा माना जाता है। जैसे हम उदाहरण के लिए एक बूढ़े आदमी को लेते है। उस बूढ़े इंसान के पास उनके कुछ संतान रहतेथे। तो उनको अपना संतान से प्यार और लागब होना स्वभाभिक है। उनकी यह इच्छा थी की वो अपने पोता पोती के मुख देखसके, अगर उनकी ये इच्छा पूरी हुई तो दूसरे लोगो के हिसाब से उनकी जिंदगी लम्बी और सुखद माना जाता है, पर इसकी जगह उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई