सजना साथ निभाना--भाग(१)

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फ़रवरी की हल्की ठंड!! सेठ धरमदास का हवेलीनुमा मकान जो उनके दादा जी ने बनवाया था,समय के साथ-साथ मकान में भी आधुनिक परिवर्तन किए गए,नये बाथरूम बनाए गए, सहूलियत के हिसाब से उसमें फेर-बदल होते रहे,बस नहीं बदलीं तो उस घर की परम्पराए।। सामने बहुत बड़ा लोहे का गेट,गेट से अंदर आते हुए अगल-बगल फुलवारी लगी है फिर आंगन है और आंगन में तुलसी चौरा है, जहां सुबह-शाम दिया जलाया जाता है।। सेठ धरमदास अग्रवाल के घर की छत में चहल-पहल मची हुई है,सब देवरानियां-जेठानियां मिलकर छत पर बड़ियां और पापड़ बना रहे हैं,सब जो जिस काम में माहिर बस