विश्वास का चीरहरण

  • 2.2k
  • 759

विश्वास का चीरहरण पिछले कुछ दिनों से रमाकांत की तबियत ठीक नहीं चल रही थी । वे सो रहे थे । नमिता ने उन्हें जगाना उचित नहीं समझा...उसने स्वयं के लिये चाय बनाई तथा बाहर बरामदे में अखबार पढ़ते हुये चाय पीने लगीं । एक खबर पर उनकी निगाह ठहर गई...घर में काम करने वाले नौकर ने बुजुर्ग दम्पति की हत्या की...पुलिस ने उसे पकड़ लिया है तथा हत्या के कारणों की जाँच कर रही है । सरकार चाहे बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के कितने भी दावे क्यों न कर ले, जब तक हमारा सिस्टम न बदले, लोगों की मानसिकता न