सीमा पार के कैदी - 2

  • 8.7k
  • 4k

सीमा पार के कैदी2 बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे दतिया (म0प्र0) 2 बाल जासूसों की एक संस्था बनाई गई थी, अजय और अभय उसके सक्रिय सदस्य थे। आपस में विचार करके अगले दिन उन्होंने अपने चीफ मिस्टर सिन्हा को सीमा पर गरीबों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में लिखा और यह बताया कि वे दोनों गोपनीय रूप से ऐसे बे गुनाह लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं, कोई योजना बनाई जाये। कुछ दिनों के बाद ही मिस्टर सिन्हा ने इन दोनों को दूसरे देश भेजने का प्रोग्राम बनाया और इनकी सुरक्षा