गूगल बॉय - 10

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गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत खण्ड - 10 मशीन ख़रीदने के लिये गया तो गूगल अपने साथ एक गिन्नी भी ले गया। दुकान का सामान ख़रीदकर वह सुनार की दुकान पर आ गया। उसका साथी बलवन्त दुकान पर ही बैठा था। बलवन्त से पहली मुलाक़ात गोवर्धन परिक्रमा के दौरान ही हुई थी। फिर तो बाँके बिहारी ने उनको दोस्त बना दिया। जब कभी आवश्यकता पड़ती तो वह बलवन्त से रुपये भी ले लेता और अधिक होते तो उसके पास जमा भी करवा देता। अपनी माँ के गले की चेन भी उसने बलवन्त से ही बनवायी थी। तब