तानाबाना - 16

  • 6.1k
  • 1.6k

तानाबाना 16 तब सहारनपुर के लिए एक ही गाङी जाती थी । फिरोजपुर से तीन बजे चलती , वाया फरीदकोट , बठिंडा , पटियाला , अंबाला होती हुई सुबह पाँच बजे सहारनपुर पहुँचती । वहाँ सामने एक और गाङी तैयार खङी रहती । सवारियाँ अपनी अपनी गठरी संभालती भाग कर उस पर सवार हो जाती और गंगा मैया की जय , शिव शंभु की जय ,बम बोले की जय से स्टेशन गूँज उठता । इस गाङी में आधे लोग अपने किसी स्वजन की अस्थियाँ लाल थैली या मटकी में लिए गंगा में विसर्जित कर उन्हें मोक्ष दिलाने