आद्यक्रांतिवीर और हमारी जिम्मेदारी

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आद्यक्रांतिवीर और हमारी जिम्मेदारी भारत के इतिहास में कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं, जिनमें से कुछ दर्ज की गई हैं, जिनमें से कुछ पर किसी का ध्यान नहीं गया। सन 1857 के विद्रोह से पहले भी कई विद्रोह हुए थे। इस पहले विद्रोह के साथ, महाराष्ट्र के बहादुर और साहसी नायक, जो लगातार चौदह वर्षों तक अंग्रेजों से लढते रहे और जिन्होंने सबसे पहले क्रांति का सपना देखा वो है, 'राजा उमाजी नाईक'। 3 फरवरी, इस क्रांतिकारी का स्मृतीदिन है। रामोशी-बेरड समुदाय को छोड़कर उन्हें किसी के द्वारा हमेशा याद नहीं किया जाता है। इसलिए, राजा उमाजी नाईक रामोशी-बेरड समुदाय