नरोत्तमदास पाण्डेय ‘‘मधु’’ की प्रबंध कृतियां ‘‘मधु’’ की प्रबंध कृतियाँ काव्य रूपों की दृष्टि से दो प्रकार की हैं। कुछ कृतियाँ खण्डकाव्य की कोटि की हैं और शेष रचनाएँ लघु आख्यान काव्य के अन्तर्गत आती हैं। आख्यान कृतियों का विषय भी खण्ड काव्यों की तरह पौराणिक और ऐतिहासिक है। इन कथाश्रित कृतियों में बन्ध-निर्वाह भी है। परन्तु इनमें कवि का उद्देश्य किसी आदर्श का निरूपण है। ‘मधु’ की प्रबंध कृतियों की समीक्षा इन्हीं दो रूपों में की गयी है। खण्डकाव्य शकुन्तला कालक्रम की दृष्टि से यह कवि का प्रथम खण्ड काव्य है। ‘शकुन्तला’ की रचना