"आंती,हमाली बोल दे दो " गुलाब की क्यारी गोड़ते हुए सुरभि ने पीछे पलटकर देखा। मेहंदी की बाढ़ के टूटे हुए पैबंद से एक गोरा चिट्टा बच्चा लाल स्वेटर पहने, अपने दोनों हाथ बढ़ाए खड़ा था।" बोल यहां "?"हां वो ली कुलची के नीचे" सुरभि ने देखा हरे रंग की टेनिस बॉल गार्डन चेयर के पास पड़ी थी। उसने दूसरी ओर बॉल उछाल दी। बच्चा खुशी से ताली बजाने लगा। बच्चे के चेहरे की खुशी और किलकारी सुनती वह फिर गुलाब की क्यारी की तरफ बढ़ गई।अचानक से सुर्ख गुलाबों का वह गुच्छा उसे बेरंग सा लगने लगा। "एक्सक्यूज मी " किसी की आवाज ने