डेढ से दो घंटा हो गया पर बिजली वाले बाबू जी ने वर्मा जी और मिश्रा जी की कोई सुध ना ली और थक हारकर इस बार वर्मा जी उस बाबू के पास आकर बोले “ अरे भाई साहब जरा देख कर बता दीजिये, वो का है कि वापिस घर भी जाना है और पांच बजने को हैं” | बाबू जी ने फिए डस्ट्बिन मे पिचकारी मारी और कहा “ अरे का है, तुम लोग तो राम कसम दिमाग चाट लेते हो , चलो गांव का नाम बताओ” | वर्मा जी बोले “ साहब गांव का नाम खुसफुस पुर” |