“पीकॉक ले बेटा ये किताबें पकड़ और पढ़ाई शुरू कर दें । मन लगाकर पढ़ और पूरे मोहल्ले का नाम रोशन क।“ बाबा ने अपनी बची-कुची मूँछों को ताव देते हुए कहा। “गिर जाएँगी ये मूंछे भी अगर ज्यादा छेड़गा और वैसे भी मोहल्ले का नाम तो किसी और तरह से भी रोशन किया जा सकता है।“नानी ने रसोई से ही चिल्लाते हुए कहा । “ अपनी तरह न बना देना अम्माजी मेरी पीहू को । पूरे हिमाचल को पता है आपके और उस अंग्रेज़ के इश्क़-मुशक के बारे में मेरी लाडो तो बस पढ़ाई करेंगीं”। बाबा ने अपनी सफाई