सरोज और सुधीर, दोनों का ही महीने के पहले हफ़्ते में मूड अच्छा रहता है, तब तक, जब तक बाउजी ने पैसा नहीं दिया . उसके बाद फिर रोज़ के ढर्रे पर ही उनका मूड भी चलने लगता है. लेकिन ये बुरा नहीं लगता बाउजी को. घर में यदि कोई ऐसा व्यक्ति रह रहा है जिसे पर्याप्त पेंशन मिल रही हो, तो उसका दायित्व है घर के खर्चों में हाथ बंटाना. टीवी ऑन करके बैठ गये थे बाउजी. सीरियल वे देखते नहीं, न्यूज़ में एक ही न्यूज़ को इस क़दर दिखाते हैं चैनल वाले कि बाउजी उकता जाते हैं. सुबह