आदमी का शिकार - 17

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"अंकल, लाश योका को दे दीजिए."नूपर ने रतन से कहा."योका, लाश उठा लो."जमीन पर रखी लाश की ओर रतन ने इशारा किया."योका भाई,तुम लाश लेकर चलो.मैं अंकल को सुरंग दिखा दूं."नूपर ने योका से कहा."ठीक है."योका लाश को उठाते हुए बोला."बस्ती वालों के आने से पहले लाश को देवता के आगे लगा देना."नूपर ने योका को हिदायत दी."तुम जल्दी आना."योका लाश कंधे पर लाद कर चल दिया."आइए, अंकल, मैं आपको सुरंग दिखा दूं, जिससे विदेशी लोग देवता भाई से मानव धड़ लेते हैं."नूप्पू इगे बढ़ते हुए बोली."चलो."रतन नूपर के साथ चल दिया. शम्भु भी रतन और नूपर के