अगर अपवादों की बात ना करें तो आमतौर पर कॉलेज की दोस्ती ...कॉलेज के बाद भी किसी ना किसी माध्यम से हम सबके बीच, तब भी ज़िंदा एवं सक्रिय रहती है जब हम सब उज्ज्वल भविष्य की चाह में अलग अलग काम धंधों में व्यस्त हो जाते हैं क्योंकि हम सबने परिपक्व मन से अपने सभी दोस्तों को चुना होता है। इसके मुकाबले बचपन या फिर स्कूल की दोस्ती, स्कूल के खत्म हो जाने अथवा कॉलेज या शहर के बदल जाने पर महज़ यादों में बदल कर मृतप्राय सी हो जाती है अथवा कोई और चारा ना देख, कई मर्तबा