मुखौटा - 14

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मुखौटा अध्याय 14 अप्रत्यक्ष रूप से उसने आज्ञा दी ‘तुम नहीं बोलोगी।‘ कृष्णन 4 दिन में अमेरिका चला जाएगा। हमारा संबंध सीरियस वाला नहीं है। हम दोनों के परिवारिक जीवन इससे बाधित नहीं होंगे । लगा जैसे यह करीब-करीब सुभद्रा जैसी बात कर रही है । परंतु, सुभद्रा जैसे सिद्धांत बताना इसको नहीं मालूम। कृष्णन का फैलाया जाल है यह। यह प्रेम के लिए तड़प गई है ऐसा उसे अंदाजा है। ‘यह शरीर जो है सिर्फ एक कपड़ा है, इसको कोई महत्व नहीं देना चाहिए’ ऐसे तत्व की उसने बातें की होगी, इसकी सुंदरता की तारीफ करके। मन में चल रहे