हम रोज़ की तरह अपनी बालकनी में बैठे काॅफी का लुफ्त उठा रहे थे, तभी हमारे कानों में साइड वाली बालकनी हो रही लडा़ई की आवाजे़ पडी़ और फिर क्या था। हम भी बाकियों से कुछ कम तो ना थे, हम भी उनकी बातें सुने लगे तो पता चलता है कि- वह जो स्त्री हैं वो अपनी बेटी पर चिल्ला रही हैं और उसका पति उसे समझा रहा है कि तुम शान्त हो जाओ पर वो है की मानती नहीं और -और जो़रों से चिल्लाने लगती हैं। फिर थोडा़ और सुनने से पता चलता हैं कि- उस लड़की