यह आजकल की छोरियां "सुना भागवान तुमने, तुम्हारा बेटा क्या कह रहा है, अपनी मर्जी से शादी करेगा, पढ़ी-लिखी नौकरी वाली बहू लाएगा, तुम्हें नहीं पता आजकल की छोरियां, शर्म हया तो इनमें होती ही नहीं है, इस पर ना बड़ों का आदर सत्कार है, ना कुछ घर का काम काज है, दिन भर बस अंग्रेजी में पटर-पटर | अरे ऐसी लड़कियां खुद को तो नहीं संभाल सकती, घर परिवार की इज्जत क्या संभालेगी, कह देता हूं सूरज बहू आएगी तो हमारी ही मर्जी से" शोभा जी अपने पति की बात सुन बेचैन हुए जा रही थी, एक तरफ बेटे