मुखौटा - 13

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मुखौटा अध्याय 13 नलिनी आज सुबह से ही कहीं गई हुई है। लक्ष्मी को जल्दी काम खत्म करने को कह कर मैं उत्तर स्वामी पहाड़ी पर जाने के लिए रवाना हुई। वहां के पुजारी मुझे पहचान कर हंसे। "आप अकेले ही आए हो क्या?", पूछे। उनका पूछने का मतलब था कि अभी तक तुम्हारी शादी नहीं हुई ! उस पर ध्यान न देकर मैंने कहा, "हां"। भीड़ में यहां के नॉर्थ इंडियंस भी थे। पर्दा लगा कर मुरूगन का अलंकार हो रहा था। (कोई तमिल भजन) ‘तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो’, यह किसी ने गाना शुरू किया। बहुत ही