तानाबाना 15 रवि की जब सगाई हुई , तब वह मुश्किल से पंद्रह साल का था और उसकी मंगेतर बारह या तेरह की रही होगी । यह विभाजन वाली आँधी न चलती तो दो तीन साल पहले ही शादी और गौना निबट जाता । पर आजादी का आना तो किसी मुसीबत से कम न था , दंगो फसादों में लुटे - पिटे लाखों करोङो लोग भूख , गरीबी बेरोजगारी और बीमारियों से जूझ रहे थे । अपनी जन्मभूमि से बिछुङे लोग गहरे अवसाद के शिकार हो गए थे । महंगाई अलग जी का जंजाल बन गयी थी ।