तो क्या...? तो क्या चंदन की बात सही है? क्या सचमुच रात के बारह बजे नगर की समूची टेलीफ़ोन व्यवस्था पर भूतों-जिन्नों और पिशाचों का कब्जा हो जाता है? वे सारी रात आपस में हंसते-बाते करते और खिलखिलाते रहते हैं. यदि मूड में हुए तो वे आप से भी बात कर सकते हैं. पर सावधान उनको अपना टेलीफ़ोन नंबर या घर का पता नहीं बताना चाहिए.बात हर्ष को झूठी लगी थी, जब यह उसने चंदन के मुंह से सुनी थी. पर आज भुवनेश ने यह कहकर कि उसकी भी भूतों से बात हुई है, हर्ष को चौंका डाला. हर्ष अब गंभीरता से सोच रहा था