मेरे घर आना ज़िंदगी आत्मकथा संतोष श्रीवास्तव (19) इतनी लंबी साहित्यिक यात्राओं के बाद मुझे काफी समय खुश रहना चाहिए था पर मेले की समाप्ति का सूनापन मेरे साथ हो लिया । मेरे साथ अक्सर यही होता है। यह सूनापन मुझे ले जाता है कभी हिस्ट्री चैनल, कभी नेशनल जियोग्राफी, कभी डिस्कवरी चैनल की ओर। जानवर, पक्षियों से प्यार है न इसलिए मन बहल जाता है। डिस्कवरी चैनल में मछलियों का पूरा संसार समंदर में दिखा रहे हैं। नौकाओं से बड़े-बड़े जाल समुद्र की लहरों पर फेंके जा रहे हैं। इस जाल में न केवल मछलियां फंसेगी बल्कि वे समेट