उलझन डॉ. अमिता दुबे दो शाम को मम्मी-पापा अनुज अंकल से मिलने उनके घर गये। सौमित्र किताब खोलकर बालकनी में बैठ गया लेकिन उसका पढ़ने में मन नहीं लग रहा था। अचानक बिजली चली गयी और इनवर्टर की लाइट का फीकापन उसे अच्छा नहीं लगा। वह भी ताला बन्द कर नीचे उतर गया। उमंग को खिलाने के लिए वह अनुज अंकल के घर चला गया। जहाँ ड्राइंगरूम में मम्मी-पापा, अंकल-आण्टी, दादी माँ और अंशिका की मम्मी यानी बुआ जी बैठी थीं। बुआ जी के सामने चाय का कप रखा था जिसमें मलाई पड़ गयी थी। अंशिका की मम्मी रो रहीं