बात बस इतनी सी थी - 11

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बात बस इतनी सी थी 11. अगले दिन मैं निर्धारित समय से पहले एयरपोर्ट पर पहुँच गया । मंजरी एयरपोर्ट से बाहर आई, तो मैंने बाँहें फैलाकर उसका स्वागत किया । एयरपोर्ट पर ही एक कॉफी हाउस में जाकर हम दोनों ने कॉफी पी । उसके बाद मैं मंजरी को घर लेकर आया । घर पर मेरी माता जी ने भी अपनी बहू का स्वागत स्थानीय परंपरा के अनुसार और बहुत प्यार से किया । उन्होंने रात में अपने हाथ से मंजरी की पसंद के कई प्रकार के व्यंजन बनाए और अपने हाथों से मंजरी के लिए परोसे, ताकि मंजरी