वटवृक्ष

  • 16.2k
  • 1
  • 2k

आज मानसी को अवसादग्रस्त हुए एक वर्ष से अधिक हो गए।अभी कुछ माह पूर्व तक जब भी वह अपने पति से अपनी मानसिक,शरीरिक तकलीफों के बारे में बात करना चाहती थी तो उसके पति वरूण के पास न तो उसकी बातों को सुनने में इंटरेस्ट होता था, न समय ही था।वह यही मानता था कि औरतों को सिर्फ घर के काम रहते हैं, आराम से कूलर,पंखे में बैठकर टीवी देखती हैं, फोन पर गप्पें मारती हैं, उन्हें भला क्या परेशानी होती है।हम पुरुषों को तो पैसे कमाने के लिए न जाने कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं,भविष्य की