लम्बा कद,गहरी नीली,आँखेँ आकर्षक व्यक्तित्व उसके रूप के माया जाल में फँसे बिना न रह सकी थी वह।उसके बात करने का अंदाज, उसकी मुस्कराहट किसी का भी मन मोह ले, फिर वो तो यौवन की दहलीज पर खड़ी थी।पहली बार जब उसे देखा तो देखती ही रह गई थी। वह निशांत के दिलकश अंदाज और रोमांटिक बातों की इस कदर दीवानी हो गई थी कि उसको अमित का शांत धीर गंभीर व्यक्तित्व कहाँ रास आया था।काम्या जैसे अतीत की यादों में खो गई थी।काम्या जैसा नाम वैसी ही सख्सियत थी उसकी, चंचल चुलबुली, अल्हड़,मस्तमोला।माँ समझाती "अब तो थोड़ी संजीदा हो