जय ऐसे ही पागलों कि तरह हंस रहा था । और विशाल का गुस्सा इस वजह से ओर भी बढ़ रहा था । वह आखरीबार लता की ओर गुस्से मै देखता है और लता के करीब जाते हुए कहता है । विशाल: ( गुस्से में लता को अपनी ओर खींचते हुए) मार्क माय इच एंड एवरी वर्ड मिस लता चौधरी .....! अगर मैंने तुम्हारी लाईफ बद से बदतर ना बनाई तो मेरा नाम भी विशाल सिंघानिया नहीं । तो खुद को बचा सकती हो तो बचा लो। लेकिन आज से बल्कि अभी से तुम्हारी लाईफ में क्या होगा और क्या