मेरी चाय.......वो बारिश के बाद पकोड़ो के साथ पी हुुुई चाय...वो शर्दी की सुबह कांपते हाथों से पी हुुुई चाय...वो दोस्तों के साथ दुनिया की फ़िक्र करते पी हुुुई चाय...वो समवन स्पेसियल के साथ प्यार बांटते पी हुुुई चाय...वो रात को नींद ना आने पर उल्लुकी तरह जागते पी हुई चाय...वो अपने दोस्त के ब्रेकअप का दर्द बांटते पी हुई चाय... ऐसे तो न जाने चाय के साथ तो कितने रिश्ते कितने किस्से जुडे हुए होते है।