नव्या ने अपने आंसू पोछ लिए थे , क्योंकि शाश्वत नहीं चाहता था कि वो रोए या उसकी आंखों में आंसू का एक कतरा आए ; पर पर दिल में अंदर तक रची - बसी उसकी यादें नव्या को जीने नहीं दे रही थी। जब भी सोने के लिए अपनी आंखे बंद करती ,"शाश्वत का हंसता हुआ चेहरा उसके सामने आ जाता "। नव्या चौंक कर बैठ जाती। किसी तरह सो भी जाती, तो भी उसे सपने में शाश्वत ही दिखाई दे रहा था। इधर नव्या का हाल बेहाल... था तो उधर शाश्वत के मां की हालत