इक समंदर मेरे अंदर - 8

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इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (8) वह ललक कर उस दुकान पर गई थी और उसने दो मीटर कपड़ा कटवा लिया था। दुकानदार ने कहा भी था - मैडम, यह गादी भरने के काम आता है। और उसने कहा था – ‘पैसा दिया न आपको। अब मेरा हुआ ये। ज्‍य़ादा टेंशन नहीं लेने का’। उसने उस कपड़े से मेगा स्‍लीव का चौकोर गले का टॉप सिलवाया था और उसे अलग अलग मौकों पर काले, लाल और सफेद चूड़ीदार के साथ पहना था और उसके ऊपर ढाई मीटर की लहराती चुन्नी। भला चुन्नी के बिना भी सलवार कुरता शोभा देता