30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode 13: Roopa Das रूपा दास जिंदगी के रंग अधूरे हैं अभी काफी देर से बेला अपनी मां के बारे में सोच रही थी। दिमाग में तूफान सा मचा था। उसकी सबसे चहेती दादी ने भी उससे इतनी बड़ी बात कैसे छिपा ली? वे ऐसा कैसे कर सकती थीं? जब भी बेला अपनी मां के बारे में सोचती, उसकी आंखें भर आतीं। वह अपनी मां से हमेशा दूर रहा करती थी, काश, वह उस वक्त उन्हें समझ पाती। काश, काश, काश… अपने ख्यालों में मशगूल वह दिल्ली में अपने