आदमी का शिकार - 10

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सुबह नूपुर की आँख खुली तो झोपड़ी खाली थी.उसने एक अंगड़ाई ली और बाहर निकल आई. झोपड़ी के बाहर कोया खड़ा था .नूपुर को देखकर बोला-"जाग गई.""हां,सब लोग कहां गये हैं?"नूपुर ने खाली बस्ती देखकर कोया से पूँछा."जश्न की तैयारी करने.""देवता के आगे"योका बुझे मन से बोला.तब तो बड़ा मजा आयेगा. नूपुर खुश होकर बोली. बहुत समय बाद उसे कोई कार्यक्रम देखने को मिलने वाला था.नूपुर अभी जश्न के बारे में सोच ही रही थी. तभी एक जंगली लड़की दौड़ती हुई आयी और योका से लिपट गई-"योका ,तू शिकार कर लेना.""मनकी,तू मुझे मजबूर न कर."योका रोती हुई लड़की