सिर्फ तुम.. - 4

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सिर्फ तुम-4खत्म हो जाते हैं कुछ रिस्ते यूँही,बेइंतहा मोहब्बत के बाद भी,और साथ में खत्म हो जाती है ज़िन्दगी,जो जी रही होती है हममें..और रह जाती है, एक उदासी हमेशा के लिए ज़हन में..हर वक्त मेरी खुशी का पूछने वाले,तुम कभी समझ ही नही पाए..मेरी खुशी भी तुमसे ही थी..परेशान मत रहा करो कहने वाले,मेरा सुकून भी तुम ही थे..पर जब तुम्हारे साथ होना खुशी हो सकता है..तो तुमसे दूर रहकर दुखी होना भी ज़ायज़ है..पर अब कहना है तुमसे,की जो ज़िन्दगी मर चुकी है मुझमें..अब उसका जीना मुश्किल है..एक तुझको जो खो चुकी हूं,अब खुद का मिलना मुश्किल है..यूँ