30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode 12 by Shilpa Sharma शिल्पा शर्मा इस सुबह की शाम कब होगी ट्रेन तीव्रतम वेग से दौड़ रही थी और उससे कहीं तेज़ गति से बेला की आंखों के आगे आ-जा रहे थे कई चेहरे-पापा, मौसी, समीर, पद्मा, इंद्रपाल, कृष, रिया। नेटवर्क ने सही मौक़े पर मोबाइल का साथ छोड़ दिया। कृष की बात सुनकर उसे अपने कानों पर भले ही विश्वास न हुआ हो, पर विश्वास की हिली हुई चूलों ने आंखों को कब नम कर दिया बेला भी नहीं समझ पाई। वह तुरंत अपनी ऊपर की बर्थ