Wow! महज़ एक शब्द, या फिर जसबात। part-3

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तो अभ यह तो समझ आ ही गया कि शुभम को प्यार डींमपल से तो नहीं था। और डींमपल के दिल में भी शुभम के लिए तो कभी कुछ रहा ही नहीं। तो आगे देखते हैं क्या होता है।तो अब हल्दी का function था शाम का, और वक्त भी जल्दी ही बीत गया और program शुरू हो गया। हमारे यहां की हल्दी मे तो बहुत मज़ा आती है, बड़े हो छोटे हो सभी इस प्रकार घुल मिल जाते हैं और खुशियों का तो ठिकाना ही नहीं रहता। पर न जाने क्यों एभ तक पुरा माहौल शांत था। बड़ा सा DJ