बना रहे यह अहसास - 7

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बना रहे यह अहसास सुषमा मुनीन्द्र 7 यशोधरा और यमुना का आगमन। भाईयों का रुख जानती हैं इसलिये अपने-अपने पति को नहीं लाना चाहती थीं लेकिन नागचैरीजी और पयासीजी मेट्रो की चर्चा सुन चुके हैं। सुपुत्रियाँ निष्ठा दिखायेंगी ये लोग मेट्रो की सवारी करेंगे। सनातन पर्ची लेकर अम्मा के रूम से लाँबी में आया और वही पर्ची लेकर नागचैरीजी अम्मा के रूम में गये। रसिक मिजाज नागचैरीजी अम्मा से सम्बोधित हुये - ‘‘बड़ी फिट फाट हैं। बीमार नहीं लग रही हैं।’’ अम्मा अनकी टिप्पणी भूली नहीं हैं। हाथ से बैठने का संकेत कर खामोश रही आईं। नागचैरीजी ने अवंती से