पिताजी का नाम यूं तो राजीव सेठ था, पर वे ज़्यादा मशहूर से थे कंजूस सेठ के नाम से.यह नाम बचपन में दादी ने यानी उनकी मां ने, जवानी में मम्मी ने और अधबुढ़ापे में बाकी बची सारी दुनिया ने दिया था.पिताजी की कंजूसी के कई किस्से मशहूर थे, जिन्हें दादी और मम्मी से लेकर उनके कई दोस्त चटकारे लेकर सुनाते थे.जब मम्मी मुझे प्रोविजन स्टोर में सामान की पर्ची लेकर भेजती थी तो लाला अपने नौकर को आवाज देकर कहता था, ‘‘ अरे भय्या कंजूस सेठ का सामान तौल दे, दोपहर बाद डिलीवरी देना, पैसे मांजी से मांगना और