गोविंद दियो मिलाय गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाय। अब पाय तो गोविंद के ही लगना पड़ेगा ना, उसके बिना तो स्कूल चल ही नहीं सकता।अरे अरे, लगता है आप गलत समझ लिए। ये द्वापर वाले गोविंद नहीं, कलयुगी गोविंद हैं - हमारे चेयरमैन के बेटे। जिन्होंने अवतार लिया हम जैसे शिक्षकों के कल्याणार्थ एवम् पृथ्वी से अशिक्षा का अंधकार दूर भगाने के लिए। तभी तो उनके जन्म लेते ही चहुं दिशा में शंख बजने लगे, दुदंभी नगाड़े की आवाज आने लगी, वैसे भी जैसे बुद्ध के गर्भ में आते ही एक दैविक