थ्री बांद्रा पुलिस स्टेशन में आधी रात को फोन की घंटी जोरो से बजने लगी। 'ट्रिन ट्रिन ..... ट्रिन ट्रिन।' कुछ देर बजने के बाद फोन की घंटी अपने आप बन्द हो गई और चारो तरफ सन्नाटा छा गया। कुछ देर बाद एकाएक सन्नाटे को तोड़ते हुए फोन की घंटी फिरसे बजने लगी और साथ ही सब इंस्पेक्टर खान की नींद भी टूटी। उसने अपना मुंह बिगाड़ते हुए पास की ही दीवाल पर लगी घड़ी को देखा जो एक बजकर पैंतीस मिनिट का समय बता रही थी और सेकंड का काटा हर सेकंड को भविष्यकाल से भूतकाल बनाता हुआ आगे बढ़