यादों का सफ़र - 6 - अंतिम भाग

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कई बार जानू ने दर्द में मुझ से बात करना दूर मुझे फोन ब्लॉक कर दिया। रात रात भर रोते हुए निकल गई।उन रातों को मै ये सोच कर गुजार दू की आखिर किन कर्मो की सजा मिली।एसा कई बार हुआ ये दर्द मुझे मजबूती दे रहा था।कोई एसा दर्द नहीं था जो इस प्यार ने मुझे ना दिया हो मुझे वो सब मंजूर था बस मेरे पास मेरा जानू रहे , इन लम्हों में हम प्यार के लम्हे याद करके रोए और बन्द कमरे में खूब चिल्लाए किसी को अपनी ये पीड़ा बता ना पाए सब पूछे कि आंखो