हत्यारा प्रियदर्शन वह जिस तरह हांफ रहा था, उससे लग रहा था कि वह बड़ी लंबी दौड़ लगाकर आया है। उसका पूरा चेहरा पसीने से तरबतर था और उसकी आंखें बता रही थीं कि उसने कोई भयावह दृश्य देखा है। मुझे हैरानी हुई। कुछ ही समय पहले यह लड़का कितने उत्साह से भरा निकला था। फिर उसके साथ क्या हुआ? वह बोलने की हालत में नहीं था। मैंने उसे कुर्सी पर बैठने को कहा। पानी ला कर दिया। फिर कुछ देर इंतज़ार करता रहा कि वह कुछ बोले। लेकिन वह अगले 5 मिनट तक चुप रहा। आखिरकार मैंने पूछा कि