लघुकथाएँ

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1)गृह प्रवेश--------------नंदिनी आज सुबह से ही उतावली थी । उसने पूजा की सारी तैयारी कर ली थी बस अपने माता- पिता के आने का इंतजार कर रही थी । नंदिनी के पति और उसके दोनों बच्चे उसके काम में हाथ बँटा रहे थे । माता- पिता के आते ही वह उन्हें कार में बिठाकर ले गई । नंदिनी के माता -पिता को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि वे कहाँ जा रहे हैं ? 15 मिनट के बाद ही उनकी कार एक छोटे-से बंगले के सामने जाकर खड़ी हो गई । जिस पर यह बंगला बना था