एपीसोड –29 अभय उसे हॉस्पिटल के चैक अप का समय बताते हैं ,“करीब ग्यारह बज़े।” दोपहर वे चहकते से, बेहद खुश लौटते हैं, “तुम क्यों नहीं आईं?” “कोचिंग इंस्टीट्यूट से फ़ोन आ गया कि चपरासी कॉपीज़ लेकर आने वाला था।” “ओह।” अभय खाना खाकर पंद्रह बीस मिनट आराम कर चल देते हैं। वह तनाव व गुस्से में है तभी आधे घंटे बाद विकेश का फ़ोन आता है, “भाभी जी ! नमस्ते ।” वह रूखे स्वर में कहती है, “नमस्ते कहिए।” “भाई साहब क्या घर में है? सारे डिपार्टमेंट में.....अंदर....बाहर.....सब जगह देख लिया है। वे तो यहाँ नहीं है।” विकेश की