शहर के एक सिटी माल में दोनों की नजरें एक दूसरे पर पड़ते ही न चाहते हुए भी आयुष ,मध्यमा कह कर बोल पड़ता है---मध्यमा भी कुछ कदम आगे बढ़ने के बाद अपने हाथ हिलाकर मानो इस बात की पुष्टि करती है उसने भी उसको देखा......आखिर दस साल के लम्बे इंतजार के बाद दोनों एक दूसरे को इतने करीब से देख रहे थे ।इस चंद पलों की मुलाकात ने दोनों को बचपन में जाने के लिए मजबूर कर दिया था। बात उन दिनों से शुरू होती है जब दोनों स्कूल में में पढ़ा करते थे।मध्यमा उस स्कूल में पहले से