क्या हम फ़िर मिलेंगे??

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रात का समय था। लॉस एंजेलिस की बहती हवा में शांति छाई हुई थी। आसमान में चाँद - तारे और बादलो के बीच लुका छुपी का खेल चल रहा था...और नीचे मुस्कान और उसके पापा निखिलेश के बीच गंभीर चर्चा हो रही थी। कुछ हुआ और मुस्कान दौड़ के छत पे चली गई। आज तक उसने जो कुछ भी किया वो अपने पिता की खुशी के लिए किया। वो जैसे तैसे खुद को संभाल रही थी मगर आज जो हुआ वो उसकी बर्दाश से बाहर था। वो अब जीना नही चाहती थी। उसने आसमान की ओर देखा और किसीको याद